सात महिलाओं सहित भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में चल रही विश्व युवा चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई जो देश के लिए आयु वर्ग की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अभूतपूर्व उपलब्धि है। आठ खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने के अलावा तीन अन्य मुक्केबाजों ने कांस्य पदक भी जीते जिससे भारत ने कम से कम 11 पदक सुनिश्चित करके 2018 में हंगरी में 10 पदक जीतने के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ा। महिलाओं में गीतिका (48 किग्रा), बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा), विंका (60 किग्रा), अरुंधति चौधरी (69 किग्रा), पूनम (57 किग्रा), थोकचोम सनामाचा चानू (75 किग्रा) और अल्फिया पठान (+81 किग्रा) ने फाइनल में जगह बनाई।
गीतिका ने इटली की एरिका प्रिसकियानदारो को 5-0 से हराया जबकि विंका ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गाजदोवा को 4-1 से शिकस्त दी। अरुंधति को उज्बेकिस्तान की खादिचाबोनू को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से हराने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी। गत एशियाई युवा चैंपियन बेबीरोजिसाना ने भी इटली की एलेन अयारी को 5-0 से हराया। पूनम ने उज्बेकिस्तान की सितोरा तुर्दिबेकोवा को 5-0 से हराया। सनामाचा ने पोलैंड की दारिया परादा को 4-1 से हराया। अल्फिया ने कड़े मुकाबले में पोलैंड की ओलीविया तोबोरेक को 3-2 से हराया।
पुरुषों में सचिन की फाइनल में सेबिर से टक्कर
पुरुष वर्ग में सिर्फ सचिन (56 किग्रा) ने खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। सचिन ने इटली के माइकल बालदासी को हराया। वह फाइनल में कजाखस्तान के येरबोलात सेबिर से भिड़ेंगे। जबकि अंकित नरवाल (64 किग्रा), विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
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