National Sportsother sports

पिता ने चराई भेड़-बकरियां, बेटे को बनाया कुश्ती चैंपियन, दंगल के पैसे से चलता था घर

एक शहर से दूसरे शहर घूम-घूमकर भेड़ और बकरियों का झुंड चराने वाले दलेल सिंह खुद भूखे रह लिए, लेकिन बेटे को बड़ा पहलवान बनाने के लिए न उसे भूखा रखा और न ही भेड़-बकिरयों के पास फटकने दिया। अनुसूचित जनजाति घुमंतु से संबंधित दलेल सिंह के त्याग को उनके बेटे रोहित ने रविवार को सफल कर दिया।

घुमंतु अनुसूचित जनजाति के रोहित 65 किलो में बने राष्ट्रीय चैंपियन
हरियाणा के रोहित ने राष्ट्रीय फ्रीस्टाइल कुश्ती के 65 किलो भार वर्ग के फाइनल में जूनियर एशियाई चैंपियन सरवन को परास्त कर अपने पिता को बेशकीमती तोहफा दे डाला। यही नहीं मिट्टी के दंगल से पैसे कमाकर घर को देने वाले रोहित के इस स्वर्ण ने उनकी नौकरी का रास्ता भी खोल दिया। नेवी कोच कुलदीप सिंह ने खुलासा किया कि रोहित को वह अपनी टीम में लेने की तैयारी कर रहे हैं।

दंगल के पैसे से चलता था घर
बिजवासन गांव के रहने वाले दलेल सिंह खुलासा करते हैं कि उनके सात बेटों में रोहित छठे नंबर का है। गांव में भोलू पहलवान की वजह से उन्हें इस खेल में शौक था। वह भेड़ बकरियां का झुंड इधर-उधर ले जाते थे लेकिन बच्चों को पहलवान बनाने का मन था। उन्होंने सभी बच्चों को भोलू पहलवान के पास डाल दिया। सपना यही था कि बच्चे बड़े पहलवान निकलें, लेकिन सभी मिट्टी की कुश्ती लडने लगे।

दंगल से जो पैसा मिलता वह घर पर लगाया जाता। एशियाई कैडेट कुश्ती में कांस्य जीतने वाले रोहित के मुताबिक उन्होंने 2015 में मैट की कुश्ती को अपनाया। दंगल से भी ज्यादा पैसे नहीं मिल पा रहे थे। बाद में वह जूनियर राष्ट्रीय चैंपियन भी बने। रोहित के मुताबिक अब उन्होंने पिता का भेड़ बकरियों का काम छुड़वा दिया है। दलेल कहते हैं कि उनका सपना तभी पूरा होगा जब रोहित देश की सीनियर टीम में खेले और पदक लाए।

रेलवे बना विजेता
चैंपियनशिप के अंतिम दिन रेलवे के पहलवानों का दबदबा रहा। रेलवे ने 192 अंकों के साथ टीम चैंपियनशिप जीती। सेना दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा। 97 किलो में रेलवे के सत्यवर्त कादियां ने सेना के मोनू को हराकर स्वर्ण जीता। 86 में दिल्ली के प्रवीण चाहर ने महाराष्ट्र के वेतल को 79 में रेलवे के राहुल राठी ने अपने ही साथी प्रीतम को और 70 किलो में रेलवे के विशाल कालीरमन ने अपने ही साथी प्रवीण को हराकर स्वर्ण पदक जीता।

इससे पहले साई ने दर्शकों के सामाजिक दूरी के कोरोना नियमों को तोडने पर कुश्ती संघ से स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही आईओए से कहा कि खेल संघों से नियमों का पालन सुनिश्चित करवाएं। मना करने के बावजूद आज भी दर्शक पास-पास बैठे

 

Mi Sport Administrator
Sorry! The Author has not filled his profile.
×
Mi Sport Administrator
Sorry! The Author has not filled his profile.
Latest Posts